11th V.M. Shah and Shantaben Memorial Lecture held in LDII on 31st Jan to 2nd Feb 2018

11वीं स्व. वी. एम. शाह एवं शांताबेन शाह स्मारक 
व्याख्यानमाला में
एल.डी. इन्स्टिच्यूट ऑफ इण्डोलॉजी में 
कर्मवाद 
पर 
प्रो. जितेन्द्र बी. शाह के 3 व्याख्यान संपन्न

एल. डी. इन्स्टिच्यूट ऑफ इण्डोलॉजी में प्रा. वी. एम. शाह एवं शांताबेन वी. शाह स्मारक त्रिदिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन 31 जनवरी, 1 व 2 फरवरी को आयोजित किया गया था. इस वर्ष प्रो. जितेन्द्र बी. शाह, निदेशक, एल.डी. इन्स्टीच्यूट ने इस व्याख्यान शृंखला की ग्यारहवीं कडी में कर्मवाद पर तीन ज्ञान सभर व्याख्यान प्रस्तुत कियें. भारतीय परिप्रेक्ष्य में कर्म के सिद्धान्त का बहुत ही अधिक महत्त्वपूर्ण है. जैन, बौद्ध एवं वैदिक तीनों ही जीवन धाराओं में कर्म की प्रधानता सर्वोपरि दृष्टिगत होती है. जैन धर्म में तो कर्मों की सुक्ष्मम शुद्धि की बात बहुत ही अद्भूत ढंग से की गई है. कर्मों का क्षय मोक्ष प्राप्ति का राजमार्ग है इसके बिना जीव मुक्ति नहीं हो सकती. प्रो. जितेन्द्रभाई ने इस बहुचर्चित व्याख्यान माला के 11 में से 8 व्याख्यान दिये हैं. तीनों ही दिन उपस्थित श्रोताओं की संख्या उल्लेखनीय रूप से लगभग 325 से अधिक रही. वर्ष में एक बार आयोजित होने वाले इस व्याख्यानमाला का आयोजन स्व. वी. एम. शाह एवं स्व. शांताबेन शाह परिवार की ओर से सोल्लास किया जाता है.

























































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